রবিবার, ২২ মে, ২০১৬

Hindi sex story Two Woman

 # Hindi sex story

करीब नौल साल पहले की बात है। उस समय मेरी उम्र बाईस साल थी और मैं पी-दब्ल्यू-डी डिपार्टमेंट में नया-नया भर्ती हुआ था। चुनाव आयोग की ओर से फोटो वाले कार्ड बाँटने थे। ये काम हमारे डिपार्टमेंट के पास भी था ओर ये कार्ड बाँटने का काममेरे साथ दो और साथियों को दिया गया। मेरे पास जो कार्ड थे वो उस इल्लाके के थे जो रईस पैसे वालों का था। मैं दो दिन तक घरों में जा-जा कर कार्ड बाँटता रहा। गर्मी के दिनों में ये काम आसान नहीं था।
तीसरे दिन भी मैं कार्ड बाँट रहा था। एक घर में गया तो गेट पे खटखटाने पर कोई नहीं आया। मुझे लगा कि घर में कोई तो मौजूद होना ही चाहिये क्योंकि गेट के अंदर होंडा सिटी कार खड़ी थी और गेट के बाहर भी एक स्कोडा कार मौजूद थी। हिम्मत करके अंदर घुसा और चारों ओर नज़र मारी कि कहीं से कोई कुत्ता ना आ जाये क्योंकि अमीरों के घरों में अक्सर कुत्तों से सावधान रहना पड़ता है। जैसे तैसे घए के मुख्य-दरवाजे पे जाकर घंटी बजायी लेकिन कोई आवाज नहीं सुनी। शायद घंटी खराब थी। दरवाज़ाठोंका तो कोई नहीं आया। कुछ देर मैं वहाँ खड़ा रहा। फिर वापस आने लगा कि तभी मैंने ध्यान दिया कि अंदर से अंग्रेज़ी गाना बजने की आवाज़ आ रही है। मैंने हिम्मत की और बगल में जा कर खिड़की से अंदर देखने गया। खिड़की ऊँची थी तो मैंने वहीं पड़ी एक बाल्टी को उल्टा करके उस पर चढ़ गया।



अंदर देखा तो देखता ही रह गया। मेरे हाथ पैर सुन्न हो गये थे। अंदर दो औरतें पूरी तरह से नंगी थीं और सोफे पर एक-दूसरे से चिपक कर बैठी सिगरेट और शराब पी रही थीं। वहीं मेज पर आधी भरी शराब की बोतल और एक विदेशी सिगरेट का पैकेट और ऐश-ट्रे भी रखी थी। सिगरेट की हल्की सी बू तो मुझे खिड़की के बाहर तक आ रही थी। ये औरतें लगभग पैंतीस साल की रही होंगी। दिखने में दोनों ही बिकुल पटाखा थीं। दोनों के लंबे घने काले बाल, कजरारी आँखें, लिपस्टिक लगे लाल-लाल होंठ। दोनों का नंगा जिस्म बहुत ही सैक्सी और सुडौल था। ज़ाहिर था कि दोनों काफी अमीर थीं क्योंकि उनमें से एक के गले में कीमती मोतियों का हार था और दूसरी के गले में हीरों का नेकलेस था। दोनों की कलाइयों में कीमती कंगन और फैंसी घड़ियाँ भी थीं। एक के पैरों में सफेद रंग के ऊँची पेंसिल हील के सैण्डल थे और दूसरी ने अपने पैरों में लाल रंग के वैसे ही पेंसिल हील के सैण्डल पहने हुए थे। दोनों के मम्मे भी काफी बड़े-बड़े थे और दोनों की चूतें भी बिल्कुल साफ सुथरी और चिकनी थीं। झाँटों का नामोनिशान नहीं था।
वो औरतें शराब पीते हुए बार-बार एक दूसरे को चूम रही थीं और चिपक कर एक दूसरे के मम्मे भी सहला रही थीं। उन औरतों के शराब के ग्लास जब खाली हुए तो दोनों एक बार फिर होंठों से होंठ चिपका कर एक दूसरे को चूमने लगीं। कुछ देर ऐसे ही चूमने के बाद सफेद सैंडल वाली औरत खड़ी हुई और झूमती हुई कमरे से बाहर निकल गयी। उसके लड़खड़ाते कदमों से साफ ज़ाहिर था कि वो नशे में थी। दूसरी औरत सोफे पर पीछे टिक कर बैठ के टाँगें फैलाये अपनी चूत सहलाने लगी। इतने में ही पहले वाली औरत अपने साथ डोबरमैन नस्ल का एक बड़ा सा कुत्ता अपने साथ लेकर वापिस आ गयी।

दोनों लगी हुई थी मस्ती में
दूसरी औरत भी नशे में झूमती हुई सोफे से उठी और फिर दोनों औरतें उस कुत्ते को पकड़ कर उसे पुचकारने और दुलारने लगीं और वो कुत्ता उनसे बचने की कोशिश कर रहा था। सफेद सैंडल वाली औरत ने कुत्ते को पकड़ा ओर दूसरी अपनी टाँग फैला कर बैठ गयी। मेरा लण्ड हरकत कर रहा था। फिर दोनों औरतों ने कुत्ते के सिर को पकड़ कर टाँगें फैला कर बैठी हुई औरत की चूत में कुत्ते का मुँह लगाया। लेकिन कुत्ता अब भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहा था। सफेद सैंडल वाली औरत ने एक हाथ से कुत्ते का लण्ड सहलाना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड अपने पूरे तेवर पर आ गया था। पैंट फाड़ कर बाहर आने को मचलने लगा। कुछ देर में ही कुत्ता शाँत हो गया और टाँगें फैलाये बैठी हुई लाल सैंडल वाली औरत की चूत को चाटने लगा। वो औरत बहुत मस्त हो रही थी और अपनी चूत को रुक-रुक कर ऊपर उठा रही थी। कुत्ता उसकी चूत ज़ोर-ज़ोर से चाट रहा था। दूसरी औरत उसके लण्ड पर हाथ फेर रही थी। कुत्ते का लण्ड थोड़ा-थोड़ा करके बाहर आ रहा था और वो औरत उसके लण्ड को सहला रही थी। फिर जब कुत्ते से अपनी चूत चटवा रही लाल सैण्डल वाली औरत उठने लगी तो कुत्ता उस पर उछलने लगा। वो औरत घूम कर कुत्तिया कि तरह हो गयी। उसकी गाँड कुत्ते के मुँह पर थी और कुत्ता उसको चाटने लगा।
दूसरी औरत ने कुत्ते के आगे के दोनों पैर उठाये और लाल सैंडल वाली औरत के ऊपर चढ़ा दिया। कुत्ते को भी समझ में आ गया कि उसे क्या करना है। शायद वो कुत्ता उन औरतों के साथ पहले भी चुदाई में शामिल हो चुका था। वो जोर-जोर से झटके मारने लगा पर उसका लण्ड बाहर ही था। दूसरी औरत ने कुत्ते का लण्ड पकड़ा और नीचे कुत्तिया बनी लाल सैण्डल वाली औरत की चूत के पास ले गयी। कुत्ता झटके मार रहा था और कईं झटकों के बाद उसका निशाना लग गया ओर कुत्ते का लण्ड लाल सैण्डल वाली औरत की चूत में घुस गया।
वो औरत मस्त हो गयी। कुत्ता झटके मार रहा था। वो औरत कुत्ते के झटकों से पूरी हिल रही थी। दूसरी औरत लड़खड़ाती हुई उठी और कुत्तिया बनी औरत के आगे खड़ी हो गयी और अपनी टाँगें फैला कर झुक गयी। कुत्तिया बनी औरत के मुँह के सामने अब उसकी चूत थी। कुत्ते से चुद रही औरत ने अब सफेद सैंडल वाली औरत की चूत चाटना शुरू किया। खड़ी हुई औरत भी मस्त हो रही थी। वो अब अपने बड़े-बड़े मम्मे अपने ही हाथों से दबाने लगी। कुत्तिया बनी औरत उसकी चूत में कभी अपनी जीभ डालने की कोशिश करती तो कभी उसको चाटने लगती। उधर कुत्ता भी धक्के मार-मार कर चोद रहा था। खड़ी हुई औरत भी नशे में ज्यादा खड़ी नहीं रह सकी और बैठ गयी ओर कुत्ते से चुद रही औरत के खरबूजे जैसे मम्मे दबाने लगी। दोनों शराब और चुदाई की मदहोशी में थीं और उनकी चूत से निकला पानी फ़र्श पर बिखर रहा था।
कुत्ता अब ढीला पड़ गया था पर वो उस औरत की कमर से नीचे नहीं उतरा था। कुछ देर बाद कुत्ता उतरा ओर एक तरफ़ हट कर अपने लण्ड को चाटने लगा। कुत्तिया बनी औरत भी बैठ कर अपनी कमर सीधी करने लगी। वो पीछे की ओर झुकी तो उसकी चूत आगे की ओर निकल गयी। उसकी चूत में से कुत्ते के लण्ड का सफेद माल निकल रहा था। सफेद सैंडल वाली औरत झुक कर उसकी चूत को चाटते हुए कुत्ते का वीर्य पीने लगी। फिर उसके पूरे बदन को चाटते हुए वो ऊपर पहुँच गयी और अब उसके मुँह में लाल सैंडल वाली औरत के खरबूजे जैसे मम्मे थे जिन्हें वो जोर-जोर से चूस रही थी। लाल सैंडल वाली ने भी सामने वाली के बड़े बड़े मम्मे दबाने शुरू किये ओर फिर दोनों एक दूसरे के बदन को सहलाते हुए खड़ी हो गयीं। खड़े-खड़े एक दूसरे का बदन सहलाते सहलाते दोनों ने एक दूसरे की चूतों में उंगली डाल दी। दोनों का एक हाथ एक दूसरे के मम्मों पर था ओर दूसरा हाथ एक दूसरे की चूत पर था। वो अपनी उंगलियाँ एक दूसरे की चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगी। दोनों की चूत लाल हो गयी थीं। उंगलियों के अंदर बाहर होने से दोनों की चूतों से पानी निकल रहा था जो उनकी उंगलियों के झटके के कारण छिटक-छिटक कर नीचे गिर रहा था।
दोनों ने अब अपनी उंगलियाँ चूतों से निकाल लीं। दोनों अब एक दूसरे को अपनी बाँहों में भर कर चिपक गयी और दोनों के मम्मे आपस में एक दूसरे से ऐसे दब गये जैसे कि दोनों के मम्मे अपनी अपनी ताकत दिखा रहे हों। दोनों औरतें अब एक दूसरे के नंगे जिस्मों को सहला रही थीं। उनके हाथ कुछ देर एक दूसरे के बालों को सहलाते तो कभी पीठ को तो कभी गाँड को। कुत्ता भी बीच-बीच में उन दोनों को आ कर चाट जाता ओर फिर दूर जा कर अपने लण्ड को चाटने लगता। दोनों औरतें एक दूसरे से चिपकी हुई थीं ओर बीच-बीच में एक दूसरे के मम्मे दबा लेती तो कभी चूत ओर गाँड तो कभी पीठ सहला रही थीं। मेरे लण्ड का पानी इस एक घंटे में निकल चुका था ओर वो फिर टनटनाने लगा था। करीब दस मिनट बाद दोनों नंगी ही उस कमरे से बाहर चली गयीं और उनके पीछे कुत्ता भी निकल गया। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। हाथ-पैर में जैसे जान ही नहीं थी। मैं चार पाँच मिनट वहँ रुका कि शायद वो औरतें कमरे में वापस आयें पर जब वो नहीं आयीं तो मैं वहाँ से निकल गया। वो पूरा दिन और रात मेरी आँखों के सामने दोनों औरतों की नंगी तस्वीर दिखायी देती रही। मेरा मन उन औरतों में ही अटक गया था। कम उम्र के बावजूद चुदाई के खेल में मैं काफी अनुभवी था लेकिन उन औरतों को आपस में लेस्बियन चुदाई और खासकर के कुत्ते के साथ चुदाई करते हुए देखना मेरे लिये नयी बात थी।

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